An evening in Bhopal
राहत इंदोरी साहब का एक शेर हैं की “दिल्ली और कराची में अब मन नही लगता, सुना हैं हसरतें दिल आजकल भोपाल रहते हैं” भोपाल एक ऐसा शहर जहाँ की हवा में मौशकी हैं| ठहराव हैं और शीतलता हैं
Life is too short and there are lots of places to travel
राहत इंदोरी साहब का एक शेर हैं की “दिल्ली और कराची में अब मन नही लगता, सुना हैं हसरतें दिल आजकल भोपाल रहते हैं” भोपाल एक ऐसा शहर जहाँ की हवा में मौशकी हैं| ठहराव हैं और शीतलता हैं
~यात्रा_वर्तांत शायद घुमकड़ी ख़ून में बस गयी है इसलिए टूथ्ब्रश भी हमेशा बेग में ही पड़ा रहता हैं.अगर आपको भगवान पे विश्वास नही हैं नास्तिक हो तो हिमालय घूम आयो.विश्वास होने लगेगा.कोई तो हैं...
Travel – A phenomenon that never ends. We already know thousands of natural phenomena which we’ve seen for years and are never ending – rising of sun from the east, greatfullness brought in by...