An evening in Bhopal
राहत इंदोरी साहब का एक शेर हैं की “दिल्ली और कराची में अब मन नही लगता, सुना हैं हसरतें दिल आजकल भोपाल रहते हैं” भोपाल एक ऐसा शहर जहाँ की हवा में मौशकी हैं| ठहराव हैं और शीतलता हैं
Life is too short and there are lots of places to travel
राहत इंदोरी साहब का एक शेर हैं की “दिल्ली और कराची में अब मन नही लगता, सुना हैं हसरतें दिल आजकल भोपाल रहते हैं” भोपाल एक ऐसा शहर जहाँ की हवा में मौशकी हैं| ठहराव हैं और शीतलता हैं